शेहला राशिद का बड़ा बयान
हाल ही में, शेहला राशिद ने भारत के बंटवारे को लेकर एक विवादित बयान दिया है। उनके अनुसार, भारत का बंटवारा धार्मिक आधार पर नहीं, बल्कि इस्लामिक आधार पर हुआ। यह एक महत्वपूर्ण टिका है, जिसके पीछे कई जटिल ऐतिहासिक कारक हैं।
भारत और पाकिस्तान का गठन
शेहला ने यह भी कहा कि बंटवारे के बाद एक तरफ जहाँ इस्लामिक देश पाकिस्तान बना, वहीं दूसरी तरफ भारत एक सेक्युलर राज्य के रूप में उभरा। यह स्थिति दिखाती है कि बंटवारे का उद्देश्य केवल धार्मिक विभाजन नहीं था, बल्कि एक नए राजनीतिक ढांचे की स्थापना भी थी। अगर धार्मिक आधार पर विभाजन होता, तो संभवतः हम आज एक हिन्दू देश, सिख देश, जैन देश, और बौद्ध देश भी देख पाते।
अर्थ और उसका महत्व
शेहला राशिद के इस बयान ने एक नया विमर्श शुरू किया है। उनके विचार यह दर्शाते हैं कि भारत का बंटवारा केवल धार्मिक मतभेदों का परिणाम नहीं था, बल्कि यह एक जटिल सामाजिक और राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा था। ऐसे में हमें यह समझने की आवश्यकता है कि इस बंटवारे का वास्तविक आधार क्या था और आज की स्थिति में इसका क्या महत्व है। इस दृष्टिकोण से, शेहला का बयान हमारी सोच को और भी विस्तृत करता है।