सुप्रीम कोर्ट का तल्ख सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में मुफ्त में दी जाने वाली सुविधाओं को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने सरकार से पूछा कि फ्री की रेवड़ी का सिलसिला कब तक चलता रहेगा। यह सवाल बेहद महत्वपूर्ण है, खासकर उन प्रवासी मजदूरों के लिए जो कोरोना महामारी के दौरान आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।
मुफ्त राशन पर निर्भरता
कोर्ट ने बताया कि वर्तमान में 81 करोड़ लोगों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत मुफ्त या सब्सिडी वाला राशन प्राप्त हो रहा है। इस पर जजों ने कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि सिर्फ टैक्सपेयर्स को ही इसकी लागत उठानी पड़ रही है, जबकि यह श्रमिक वर्ग के लिए दी जाने वाली सहूलियत है।
रोजगार के अवसरों की आवश्यकता
वीसरे, वकील प्रशांत भूषण ने बताया कि ई-श्रमिक पोर्टल पर पंजीकृत प्रवासी मजदूरों को ठीक से मदद मिलनी चाहिए। बेंच ने इस बात की ओर ध्यान दिलाया कि फ्रीबीज़ का यह सिलसिला कब तक जारी रहेगा? क्या समय नहीं आ गया कि हम श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी करने और उनके कौशल में सुधार लाने पर ध्यान दें?