Site icon cricketlovercricket.online

इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज का विवादित बयान: बहुसंख्यकों की इच्छा पर आधारित कानून

Judge of Illahabad High Court

जज का विवादित बयान

इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस शेखर कुमार यादव का हालिया बयान विवाद का कारण बन गया है। उन्होंने कहा है कि “देश, हिंदुस्तान में रहने वाले बहुसंख्यक लोगों की इच्छा के मुताबिक चलेगा।” यह बयान न केवल कानूनी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी गहरा प्रभाव डाल सकता है।

कानून और बहुसंख्यकता

जज यादव का यह बयान यह संकेत करता है कि भारतीय संविधान के अंतर्गत कानून का प्रवर्तन अक्सर बहुसंख्यक समुदाय की इच्छा के साथ-साथ कार्य करता है। उन्होंने कहा कि “यह कानून है, कानून, यकीनन बहुसंख्यकों के मुताबिक काम करता है।” इस चौंकाने वाले बयान से यह स्पष्ट होता है कि न्याय प्रणाली में बहुसंख्यकों के विचारों को प्राथमिकता दी जा रही है।

समाज और परिवार की भूमिका

जस्टिस यादव ने यह भी कहा कि कानूनी निर्णयों को समाज और परिवार की दृष्टि से देखना आवश्यक है। केवल वही स्वीकार किया जाएगा जो बहुसंख्यकों के कल्याण और खुशी के लिए फायदेमंद है। इस दृष्टिकोण से यह प्रश्न उठता है कि क्या ऐसे बयान सामाजिक न्याय को प्रभावित कर सकते हैं। न्यायालय की यह जिम्मेदारी है कि वे सभी समुदायों के अधिकारों का सम्मान करें और उनके कल्याण को सुनिश्चित करें।

Exit mobile version