सदन का माहौल
आजकल सदन में ऐसा माहौल बन गया है कि टीवी भी उनका हो गया है और दिखाने वाले भी उनके। इस वक्त की राजनीति में सदन की कार्यवाही केवल संसद के भीतर नहीं बल्कि बाहर भी छाई रहती है। यह सिर्फ निर्णय लेने का स्थान ही नहीं रह गया है, बल्कि एक बड़ी बुनियाद बन कर उभरा है जहां से चुनावी प्रचार और जनहित के मुद्दे उठाए जाते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष का बयान
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस विषय पर अपने विचार प्रकट किए हैं। उनका कहना है कि सदन का यह बदलता स्वरूप चुनावी रणनीतियों का हिस्सा बन चुका है। अब सांसदों के विचार सिर्फ सदन में ही नहीं, बल्कि मीडिया में भी सुने जाते हैं, जिससे उनका प्रभाव बढ़ा है।
प्रभाव और चुनौतियाँ
हालांकि, इस माहौल का एक पहलू यह भी है कि घोषणा और प्रतिवेदन केवल सुर्खियों के लिए होते हैं। इससे जनहित के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने में मुश्किलें आती हैं। सदन में बहस और विचार-विमर्श की प्राथमिकता का होना अत्यंत आवश्यक है ताकि सही निर्णय लेकर जनता के विश्वास को फिर से जीता जा सके।
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