सामने आई मुश्किलें
हाल ही में एक मामला सामने आया है जिसमें पैरामिलिट्री फोर्स में भर्ती के लिए एक अभ्यर्थी को टैटू मिटाने के बाद भी निशान के कारण बाहर किया गया। यह मामला कोर्ट में पहुंचा, जहां अभ्यर्थी ने राजस्थान हाईकोर्ट में अपनी याचिका दायर की।
राजस्थान हाईकोर्ट का निर्देश
राजस्थान हाईकोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए अभ्यर्थी को पुनः भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। यह निर्णय इस बात का संकेत है कि कोर्ट ने टेक्निकल और सामाजिक मानक दोनों को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय लिया। कोर्ट ने यह निर्णय उस समय लिया, जब अभ्यर्थी ने साबित किया कि टैटू हटाने के बाद भी निशान साफ नहीं हुआ था।
टैटू के प्रति सामाजिक धारणा
यह मामला केवल एक व्यक्ति की भर्ती का नहीं बल्कि टैटू को लेकर समाज में चल रही धारणा का भी प्रतीक है। कई बार हम देखते हैं कि टैटू को एक नकारात्मक छवि के रूप में देखा जाता है। इस प्रकार की घटनाएँ समाज में विचारधारा को बदलने में सहायक हो सकती हैं और यह दिखा सकती हैं कि हमें किसी की योग्यता को उसके बाहरी रूप से नहीं आंकना चाहिए।
From- News 24