पोप फ्रांसिस को ऋग्वेद की भेंट
हाल ही में हिंदू ऑफ अमेरिका के केरल राज्य समन्वयक पी. श्रीकुमार ने रोम के वेटिकन में पोप फ्रांसिस को ऋग्वेद की एक कॉपी तोहफे में दी। यह घटना एक महत्वपूर्ण धार्मिक सम्मेलन के दौरान हुई, जहां श्रीकुमार ने इस पवित्र ग्रंथ को भेंट करते हुए भारतीय संस्कृति और धार्मिकता का प्रतिनिधित्व किया।
धार्मिक संवाद की आवश्यकता
पी. श्रीकुमार की यह यात्रा विश्व धार्मिक सम्मेलन का हिस्सा थी, जिसमें विभिन्न धर्मों के नेता और प्रतिनिधि एकत्रित हुए। उन्होंने इस अवसर पर धार्मिक संवाद और समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया। उनके अनुसार, सभी धर्मों के बीच आपसी समझ और सम्मान से ही विश्व शांति को बनाए रखा जा सकता है।
ई.के. नयनार की यादें
श्रीकुमार ने पोप को उपहार देते हुए एक विशेष उद्धरण का जिक्र किया: “अगर आपको याद हो तो केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत माकपा नेता ई.के. नयनार ने 1997 में पोप जॉन पॉल द्वितीय को भगवद् गीता की एक प्रति भेंट की थी।” उन्होंने यह भी बताया कि ऋग्वेद एक महत्वपूर्ण पवित्र ग्रंथ है और उन्होंने इसे उपहार के लिए सबसे उपयुक्त समझा। इस प्रकार, यह घटना न केवल द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करती है, बल्कि विभिन्न धार्मिक परंपराओं के बीच संवाद को भी प्रोत्साहित करती है।
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